हादसे ( Hadse ) आस्था या अंधविश्वास भक्ति या भीड़ बदहवास भगदड़ में छूटते अपनों के हाथ कदमों से कुचलता हर सांस माथा टेकने का तृष्ण कौन भगवान कौन भक्त मेहरानगढ़ यां हाथरस भयभीत बच्चों के शव असीमित चीखें अस्त व्यस्त ह्रदय विदारक दृश्य अनेकों दीपक हुए अस्त कैसी विडम्बना है ये वत्स रुकता नहीं … Continue reading हादसे | Kavita Hadse
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