मैं हंसती आंखों का गहना | Kavita hansti aankhon ka

मैं हंसती आंखों का गहना ( Main hansti aankhon ka gahana )    मैं हंसती आंखों का गहना तुम नयनों में रहती हो। धड़कनें बढ़ जाती है जब भी तुम कुछ कहती हो।   खिला खिला सा चेहरा ये तुमको पाकर महक उठा। मन का पंछी मनमौजी बन चमन पाकर चहक उठा।   बहती धारा … Continue reading मैं हंसती आंखों का गहना | Kavita hansti aankhon ka