हवाई महल ( Hawai Mahal ) पानी मे लकीर बनती नही घड़े पर पानी ठहरता नहीं भरी हो नींद, खुली आँखों में जिनकी उनके आगे से कोई गुजरता नहीं खुद हि खुद मे गाफ़िल् हैं जो दीन दुनियां से बेखबर हैं जो पाले बैठे हैं खुद की हि समझदारी जो उनके मुह से कोई … Continue reading हवाई महल | Kavita Hawai Mahal
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