हे प्रभु राम | Kavita Hey Prabhu Ram
हे प्रभु राम! ( Hey Prabhu Ram ) तुमको मेरे प्राण पुकारें। अंतस्तल की आकुलता को देख रहे हैं नभ के तारे। निविड़ निशा की नीरवता में, हे प्रभु! तुमको प्राण पुकारें। सब कुछ सूना सा लगता है। प्रतिपल व्यथा भाव जगता है। कोई दस्यु सदृश ठगता है। हे प्रभु राम! तुमको मेरे प्राण … Continue reading हे प्रभु राम | Kavita Hey Prabhu Ram
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