हिन्द की हिंदी | Kavita Hindi Ki Hindi
हिन्द की हिंदी ( Hindi Ki Hindi ) स्वर ध्वनि शब्दों की हिंदी भाषा अमृत धारा सी बह रही है रगो में शीतल सरिता सी चलकर सांसों के सागर में बह रही है। अनमोल कितना मधुरमयी है दुनिया भी तुमको पहचानती है तेरी प्रसंशा का राग की धुन सुबह सवेरे खूब बज रही … Continue reading हिन्द की हिंदी | Kavita Hindi Ki Hindi
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