जब भी कोई काम करो | Kavita jab bhi koi kaam karo

जब भी कोई काम करो ( Jab bhi koi kaam karo )   जब भी कोई काम करो कोई मुझे देख रहा है यही सोचकर करो दिल पर जरा हाथ रखो उसने सही कहा तभी करो नफरतों कि आंधियों में झूठा दोष किसी को ना दो ईमान से इनाम के हकदार तुम बन जाते हो … Continue reading जब भी कोई काम करो | Kavita jab bhi koi kaam karo