जीने के लिए | Kavita jeene ke liye

जीने के लिए  ( Jeene ke liye )    कक्षा में बिल्कुल पीछे पिछले सीट पर मैला कुचैला निराश उदास बैठा सबसे दूर, न कापी न कलम न पढ़ने का मन, मैंने डांटा धमकाया पर दबा दबा सा मुझे देखा देखता रहा अंततः कुछ न बोला, फिर प्यार से स्नेह और दुलार से पूछा, उसने … Continue reading जीने के लिए | Kavita jeene ke liye