कविता का शहर मेरा | Kavita ka shahar
कविता का शहर मेरा ( Kavita ka shahar mera ) कविता का शहर मेरा सुंदर सा प्यारा है। शब्द शब्द मोती सजते गुलजार सारा है। भावों की धार बहती सुखनवर न्यारा है। शिल्पी वाणी साधक सुदर्शन सितारा है। गीत गजल दोहा मुक्तक गीतों की फुहार है। छंद सोरठा चौपाई कविता की रसधार है। अलंकार … Continue reading कविता का शहर मेरा | Kavita ka shahar
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