खेलत कन्हाई है | Khelat Kanhai hai
खेलत कन्हाई है ( Khelat Kanhai hai ) नटवर नागर है तू प्रेम भरी सागर तु ग्वाल बाल संग फाग खेलत कन्हाई है छोरा छोरी जोरा जोरी’ मोरी है कलाई मोड़ी राधा रानी संग ‘रास खेलत कन्हाई हैं रंग डारे अंग अंग’ लहंगा व चोली तंग कान्हा खेले होरी’नाहीं मानत कन्हाई है गारी देवे … Continue reading खेलत कन्हाई है | Khelat Kanhai hai
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