Kavita Khelat Kanhai hai
Kavita Khelat Kanhai hai

खेलत कन्हाई है

( Khelat Kanhai hai )

 

नटवर नागर है तू
प्रेम भरी सागर तु
ग्वाल बाल संग फाग
खेलत कन्हाई है

छोरा छोरी जोरा जोरी’
मोरी है कलाई मोड़ी
राधा रानी संग ‘रास
खेलत कन्हाई हैं

रंग डारे अंग अंग’
लहंगा व चोली तंग
कान्हा खेले होरी’नाहीं
मानत कन्हाई है

गारी देवे भर भर’
ब्रजन के नारी नर
लठ मारे छोरी मार
खावत कन्हाई है

Dr. Beena Singh

डॉ बीना सिंह “रागी”

( छत्तीसगढ़ )

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