किसने देखा | Kavita kissne dekha

किसने देखा ( Kissne dekha )      कल के कल को किसने देखा ना हमने ना तुमने देखा जीवन के हर गुणा गणित में तू -तू, मैं -मै सबने देखा,   बिन मौसम बरसातें देखा कितने दिन और रातें देखा बदल गये सूरज चंदा क्या? बदला क्यों जज्बातें देखा?   बहती सर्द हवाएं देखा … Continue reading किसने देखा | Kavita kissne dekha