मैं कान हूं | Kavita main kaan hoon

मैं कान हूं ( Main kaan hoon )   मैं कान हूं अपने जिम्मेदारियों से परेशान हूं। गालियां हों या तालियां अच्छा हो या बुरा सबको सुनकर,सहकर हैरान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं। चश्में का बोझ ढोकर डंडियों से जकड़ा हुआ आंखों के मामलों में, मैं बना पहलवान हूं। खैर छोड़िए मैं कान हूं। … Continue reading मैं कान हूं | Kavita main kaan hoon