मैं शून्य हूँ | Kavita Main Sunay Hoon

मैं शून्य हूँ ( Main Sunay Hoon ) मैं शून्य हूँ जिसे शिखर का अभिमान है आवारगी है रगों में मेरी जिसका सहारा अम्बर है मैं अस्तित्व हूँ बूंद की जिसे साहिल का गुमान है मैं शब्द हूँ जिसका ये सारा जहां है मैं तुम में हूँ जो तुम्हारा निशां है तुम पिता हो मेरे … Continue reading मैं शून्य हूँ | Kavita Main Sunay Hoon