नजर की डोरी | Kavita Nazar ki Dori

नजर की डोरी! ( Nazar ki dori )   मत फेंको नजर की डोरी रे! लुकछिप के। देखो उठती जवानी अभी कोरी रे! लुकछिप के। होंठ रंगीले उसकी आँखें शराबी, चटक चुनरिया और चाल नवाबी। मत उड़ चिरई-सी गोरी रे! लुकछिप के। मत फेंको नजर की डोरी रे! लुकछिप के। देखो उठती जवानी अभी कोरी … Continue reading नजर की डोरी | Kavita Nazar ki Dori