पर्व पर गर्व | Kavita Parv par Garv

पर्व पर गर्व  ( Parv par Garv )   भले जली होलिका आज भी जल रही है जिंदा है आज भी हिरण कश्यप रावण आज भी जिंदा है बच गया हो प्रहलाद भले बच गई हों सीता भले अहिल्या को मिल गई हो मुक्ति तब भी आज भी स्थिति वही है खुशियां मनाएं किस बात … Continue reading पर्व पर गर्व | Kavita Parv par Garv