प्यारी पाती | Kavita Pyari Paati

प्यारी पाती ( Pyari Paati )   मां की आस पिता का संबल बच्चों की अभिलाषा! प्यारी पाती आती जब थी पुलकित घर हो जाता!! घरनी घरमें आस लगाए रहती बैठी ऐसे ! ‘जिज्ञासु’ चकोर चांद के लिए टक टकी लगाए जैसे!! सीमापर जवान को अपनी चिंता दूर भगाती ! बीवी बच्चे मात-पिता संग सबका … Continue reading प्यारी पाती | Kavita Pyari Paati