सब संसार में | Kavita Sab Sansar Main

सब संसार में ( Sab Sansar Main )   तांबे की जमी होगी आफताब सर पर होगा हश्र के मैंदा में जब हमारा मिलना होगा होगी न जरूरत कहने की कुछ रब से सारा हिसाब पन्नों मे लिखा अपना होगा कर लो नफ़रत या मुहब्बत पूजा अर्चना या इबादत जाने जाओगे सिर्फ इंसान के नाम … Continue reading सब संसार में | Kavita Sab Sansar Main