संघर्ष पथ पर | Kavita Sangharsh Path par

संघर्ष पथ पर, मानव सदा अकेला   स्वार्थी रिश्ते नाते परिवार समाज, सफलता संग अपनत्व भाव । विपरित कटु वचन प्रहार, शत्रुवत आचरण बर्ताव । आलोचना तीर अवरोध पर्याय, कदम कदम कंटक मेला । संघर्ष पथ पर,मानव सदा अकेला ।। लक्ष्य राह दिग्भ्रमित युक्ति, प्रेरणा अनुग्रह विलोपन । दमन आशा उमंग उल्लास, नैराश्य बीज घट … Continue reading संघर्ष पथ पर | Kavita Sangharsh Path par