शब्द प्रणय ( Shabd Pranay ) शब्द प्रणय में,संवर रही कविताई उर भाव मृदुल मधुर, श्रृंगार अनूप नित यथार्थ । संवाद अनुपम मोहक प्रभा, साधन साध्य ध्येय परमार्थ । अथाह नैतिक तेजस्वी छवि, संस्कारी अनुपमा जनमानस छाई । शब्द प्रणय में,संवर रही कविताई ।। भव्य नवाचार अवबोधन , नवल धवल पथ प्रशस्त । निशि … Continue reading शब्द प्रणय | Shabd Pranay
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