शहर रात भर रोता रहा | Kavita shahar raat bhar rota raha

शहर रात भर रोता रहा ( Shahar raat bhar rota raha )    त्रासदी ने झकझोर दिया भारी नुकसान होता रहा त्राहि त्राहि कर उठा हृदय शहर रात भर रोता रहा   जाने किसकी नजर लगी क्या अनहोनी आन पड़ी खुशियां सारी खफा हो गई जिंदगियां बेजान खड़ी   कुदरत का कोई कहर था कितना … Continue reading शहर रात भर रोता रहा | Kavita shahar raat bhar rota raha