शिक्षक दिवस ( Shikshak divas ) सतगुरु संत सुजान आपका, कैसे मैं गुणगान करूं। शरण पड़ा हूंआप उबारो, नित चरणों में ध्यान धरूं।। मैंअनजाना चला जा रहा, मुझको पथ का ज्ञान नहीं। घटा घिरी है दुख की भारी, कैसे उबरूं भान नहीं । खुदआप बनो अनजान नहीं। मैं विनती बारंबार करूं ।। शरण पड़ा … Continue reading शिक्षक दिवस | Kavita
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