सीता कहे दर्द | Kavita Sita Kahe Dard

सीता कहे दर्द ( Sita Kahe Dard ) बड़ी दर्द भरी मेरी कहानी। अँखियो में ला दे सबकी पानी।। जिनके लिए धरा पर थी आई। उन्हीं के द्वारा गई सताई।। वन को गई थी मैं प्रभु जी संग। रंग कर प्रभु की प्रीति-भक्ति रंग।। सृष्टि हितार्थ अग्नि में समाई। मेरी छाया मेरा पद पाई।। दुष्ट … Continue reading सीता कहे दर्द | Kavita Sita Kahe Dard