याद सताए तेरी सोन चिरैया | Kavita
याद सताए तेरी सोन चिरैया ( Yad Sataye Teri Son Chiraiya ) कहां गई? वो सोन चिरैया! रहती थी जो सबके घर आंगन चाहे महल हो या हो मड़ैया! कहां गई?? क्या खो हो गई? या रूठ कर हमसे दूर हो गई? भारत मां की थी तू लाडली, मिलजुलकर सबने जिसे थी पाली। करती … Continue reading याद सताए तेरी सोन चिरैया | Kavita
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