सुबह ( Subah ) अंधकार से उत्पन्न हुई एक किरण आकाश की गहराई से आई है। शिद्दत से प्रयास जारी रखकर, आशा की रोशनी संग मुसकाई है ।। ओस के सुखद स्पर्श से लबरेज पंछियों के कलरव सी मन को भाई है ।। सुबह की मंद मंद चल रही हवा पी के देस की महक … Continue reading सुबह | Kavita Subah
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