तुम कैसी मां हो | Kavita tum kaisi maa ho
तुम कैसी मां हो? ( Tum kaisi maa ho ) फेंक चलीं क्यों ?दिल रोता है! कूड़े में अब दम घुटता है! अंदर ही अंदर दहता है! कितनी विह्वलता है ! मां की यह कैसी ममता है! पाली ही क्यों अपने अंदर? दिखा दिया दुनिया का मंज़र मौत दिया फिर इतना बत्तर क्या … Continue reading तुम कैसी मां हो | Kavita tum kaisi maa ho
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