उम्र | Kavita umra

उम्र ( Umra )   जो हंसते मुस्काते रहते मोती प्यार के लुटाते रहते उनकी उम्र जवां रहती है सबको गले लगाते रहते   बचपन जवानी बुढ़ापा जिंदगी के है पड़ाव हमारे खट्टे मीठे आते सदा जीवन में उतार-चढ़ाव प्यारे   उम्र झलकती चेहरे से ढलती उम्र जाती पहचानी चिंता से बेकार हो जाती हंसती … Continue reading उम्र | Kavita umra