योगी बन | Kavita Yogi Ban

योगी बन ( Yogi Ban )   ध्यान धर चिंतन कर योगी बन तू कर्म योगी बन नित नव नूतन हर पल कर सफल अपना जीवन योगी बन नश्वर जगत नश्वर काया स्थिर नहीं कुछ सब माया सूक्ष्म अणु रूप प्राण पाया कर प्रज्ज्वलित मन चेतन योगी बन यह अनुपम जीव यात्रा देह जैसे अक्षर … Continue reading योगी बन | Kavita Yogi Ban