कविताएंँ रहेंगी | Kavitayen

कविताएंँ रहेंगी…… ( Kavitayen rahengi )    हृदय को संवेदना की कसौटी पर कसेंगी कुछ रहे न रहे कविताएंँ रहेंगी मेरी- तेरी ,इसकी -उसकी, मुलाकातें ,जग की बातें, जगकर्ता के क़िस्से कहेंगी कुछ  रहे न रहे …….कविताएंँ रहेंगी। भागते हुए वक़्त की चरितावली संघर्ष की व्यथा -कथा विकास की विरुदावली कभी शांँति की संहिता रचेंगी … Continue reading कविताएंँ रहेंगी | Kavitayen