खेलते थे गांव में कंचे बहुत | Bachpan par shayari
खेलते थे गांव में कंचे बहुत ( Khelte the gaon mein kanche bahot ) खेलते थे गांव में गुल्ली डंडा कंचे बहुत शहर में नफ़रत मिली है खेलने को देखिए गांव में है प्यार मेरे हर घड़ी नफ़रत नहीं इस कदर है शहर में ही बस अदावत के शोले शहर में ऐसा … Continue reading खेलते थे गांव में कंचे बहुत | Bachpan par shayari
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