किनारों से पूछो | kinaro se puchho
किनारों से पूछो ( Kinaro se puchho ) फिजाओं का आलम बहारों से पूछो। दुल्हन की कहानी, कहारों से पूछो।। कैसे खड़ी है जमाने की सुनकर, मंजिल जहाँ में, सहारों से पूछो।। तूफाँ में कश्ती हिलोरें से जो लेवे न चलने का गम, किनारों से पूछो।। ना चाहा था तुमको देखेंगे … Continue reading किनारों से पूछो | kinaro se puchho
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