बोलो अब किस डगर चले | Kis Dagar

बोलो अब किस डगर चले ( Bolo ab kis dagar chale )    इधर चले या उधर चले, बोलो अब किस डगर चले। कहो किधर रस्ता मंजिलें, कहो कारवां किधर चले। चुनावी मौसम अब आया, रंग बदलता हर साया है। वादों की भरमार हो रही, धुंआ धुंआ जग छाया है। प्रेम सुधा रसधार लिए, बोलो … Continue reading बोलो अब किस डगर चले | Kis Dagar