किसानों की राहें | Kisano ki Rahen

किसानों की राहें! ( Kisano ki Rahen )   आँसू से लथपथ किसानों की राहें, कोई उनसे कह दे वो घर लौट जाएँ। सियासी अखाड़े उन्हें छोड़ दें अब, मुसीबत पहाड़ों की या तोड़ दें अब। लागत किसानों की तो वो दिलाएँ, कोई उनसे कह दे वो घर लौट जाएँ। आँसू से लथपथ किसानों की … Continue reading किसानों की राहें | Kisano ki Rahen