क्योंकि मैं पराया धन हूं | Kavita

क्योंकि मैं पराया धन हूं ( Kyon ki main paraya dhan hoon )     मां बेटे की हर पिड़ा पे तेरा दिल पिघलता है। और मेरी पिड़ा पर जरा भी दिल नहीं दहलता है। क्योंकि मैं पराया धन हूं। बेटी  की विदाई पर दिल पर पत्थर रख देती है। बेटा शाम तक घर ना … Continue reading क्योंकि मैं पराया धन हूं | Kavita