क्यों नहीं आते | Kyon Nahin Aate

क्यों नहीं आते ( Kyon nahin aate )  वज़्न 1222 1222 1222 1222 अरकान -मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन बाहर का नाम – बहरे हजज़ मुसम्मन सालिम   ग़म-ए-दिल कैद से आज़ाद होकर क्यों नहीं आते रिहाई को खड़ी, खुशियां बुलाकर क्यों नहीं आते ॥ सही है, दोस्त होते सब, मगर जब कैफियत आड़ी घुमाते पीठ … Continue reading क्यों नहीं आते | Kyon Nahin Aate