क्यों | Kyon

क्यों ? ( Kyon )    हाथ मिला उल्फत दिखलाते दिल मिलने से क्यों घबराते? हुस्न परस्ती के दीवाने वस्फ की राह नही वे जाते। दैर -ओ -हरम के ये बासिंदे नफ़रत की दीवार बनाते । बातिल साज़ी बहुत हुई अब कुछ तो वादे कभी निभाते । हरदम क्यूँ तकलीद करूं मैं | क्यूंँ मेरी … Continue reading क्यों | Kyon