जिस दिन सात फेरे पड़ते हैं | Laghu Katha Saat Phere

“बहू, अब रख ले अपने पास यह सभी चाभियां।” कमला ने अपनी बहू सरस्वती से कहा। “मांँ, यह आप क्या कह रही हैं?” सरस्वती ने अपनी आँखों में आँसू भरे हुए स्वर में कहा। और सोचने लगी आज क्या हो गया है माँ को जो मुझे घर की चाभियांँ देने लगी। मैंने तो कभी कुछ … Continue reading जिस दिन सात फेरे पड़ते हैं | Laghu Katha Saat Phere