लक्ष्मण रेखा | Laxman rekha kavita

लक्ष्मण रेखा ( Laxman rekha ) परिधि कों पार नही करना हे माता,वचन हमें दे दो। कोई भी कारण हो जाए,निरादर इसका मत करना। परिधि को पार नही करना….. ये माया का अरण्य है, जिसमें दानव रचे बसे है। कही भी कुछ भी कर सकते है,ये दानव दुष्ट बडे है। ये छल से रूप मोहिनी … Continue reading लक्ष्मण रेखा | Laxman rekha kavita