लिखेंगे हम लेखनी की धार | lekhni ki Dhaar

लिखेंगे हम लेखनी की धार ( Likhenge hum lekhni ki dhaar )   हम पैसे देकर रचना सुनो कभी नहीं छपवाएंगे। दम होगा लेखनी में प्रकाशक खुद चले आएंगे। लिखेंगे हम भी लेखनी की धार लोहा मनवाएंगे। सृजन में शक्ति बड़ी अपार वो रस धार बहाएंगे। सजाकर पुष्प भावों के हम गुलशन महकाएंगे। दिलों तक … Continue reading लिखेंगे हम लेखनी की धार | lekhni ki Dhaar