माँ पर नरेन्द्र सोनकर की ४ कवितायेँ

माॅं कभी दगा नहीं देती जन्म देती है शिक्षा-संस्कार देती है लाड़-प्यार देती है आचार-विचार देती है रूप-आकार देती है पुष्टाहार देती है घर-परिवार देती है माॅं संसार देती है दुश्चरित होने पर भी लगा लेती है ऑंचल से हमें भगा नहीं देती माॅं कभी दगा नहीं देती मालती देवी ( जिस कोख से मैंने … Continue reading माँ पर नरेन्द्र सोनकर की ४ कवितायेँ