महका है गुल ज़नाब सावन का | Poem in Hindi on sawan
महका है गुल ज़नाब सावन का ( Mahaka hai gul janab sawan ka ) महका है गुल ज़नाब सावन का ! देता ख़ुशबू गुलाब सावन का कैसे दीदार हो हंसी का फ़िर फ़ूलों पे जब हिज़ाब सावन का प्यार हो जैसे बरसें है ऐसे की नहीं है ज़वाब सावन का … Continue reading महका है गुल ज़नाब सावन का | Poem in Hindi on sawan
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