महाशिवरात्रि | Mahashivratri par Kavita

महाशिवरात्रि ( Mahashivratri )    बाबा हमारा है भोला भाला शिवशंकर जिनका नाम, जटाओं से जिनके निकलें गंगा पीते विश का जाम। गले में सर्प हाथ में डमरु त्रिशूल रहता जिनके साथ, भस्म रमाएं, धूणी रमाएं अद्भुत-अद्भुत करते काम।। महाशिवरात्रि का शुभ दिन वो सबके लिए है विशेष, वैराग्य जीवन छोड़कर शंकर गृहस्थ में किये … Continue reading महाशिवरात्रि | Mahashivratri par Kavita