महेन्द्र कुमार की कविताएं | Mahendra Kumar Hindi Poetry
पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त,नवल धवल अनुपम पथ ।असफलता अधिगम बिंदु,आरूढ़ उत्साह उमंग रथ ।आलोचनाएं नित प्रेरणास्पद,श्रम साधना उत्तर धात है ।पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है ।। तज नैराश्य निम्न विचार,अंतर प्रज्वलन लक्ष्य ज्योत ।बाधाएं सदा अवसानित,आत्मविश्वास परम मैत्री श्रोत ।शोधन उन्नत विगत त्रुटियां,प्रति … Continue reading महेन्द्र कुमार की कविताएं | Mahendra Kumar Hindi Poetry
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