महेन्द्र सिंह प्रखर की कविताएं | Mahendra Singh Prakhar Poetry

राम का ही मैं यहाँ गुणगान राम का ही मैं यहाँ गुणगान हूँ करता ।राम का हूँ मैं पुजारी ध्यान हूँ करता ।।राम का ही मैं यहाँ गुणगान….. राम तन-मन में हमारे प्राण कहते हैं ।भक्त हनुमत हैं सुनो श्री राम कहते हैं ।।आज सजती ये अयोध्या राम देखेंगे ।भक्त उनके आज फिर श्री राम … Continue reading महेन्द्र सिंह प्रखर की कविताएं | Mahendra Singh Prakhar Poetry