माहिया ( Mahiya ) महका महका ये तन, चाहत में तेरी, बहका बहका ये मन !! १ !! * अनजाना सा होकर, मन खुश कब होता, सब चैन सुकूँ खोकर !! २ !! * यह वक्त बताता है, भर जाना इक दिन यह जख्म जो ताजा है !! ३ !! * तन्हाई मिलती है यार … Continue reading माहिया | Mahiya
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