माहिया
( Mahiya )
आया फाग महीना
सुन ले रे साजन,
मुश्किल तन्हा जीना !! १ !!
आयो घूमत घूमत
फागुन बासंती,
तन-मन मोरा झूमत !! २ !!
पतझड़ के मौसम में,
खिलने को कलियाँ,
आतुर है गुलशन में !! ३ !!
बगियन कोयल कूके,
मीठी वाणी से,
तन मन मेरा फूंके !! ४ !!
जब जब तुम आते हो,
मिलके तुम हमसे,
प्रीत जगा जाते हो !! ५ !!
सोच रही ये कब से
होली खेलन को,
मन मोरा है तरसे !! ६ !!
—-
फूलों का मौसम है,
अब तो मिल जाओ,
मिलने का मौसम है !!
*
खेतों में खिल आई,
सरसों पीली पीली,
रुत बसंत की छाई !!
*
ये दिल तुम पे आया,
जब से देखा है,
इसने तेरा ये साया !!
*
कितना कुछ झेला है,
मिलने को ये दिल ,
बेताब अकेला है !!
*
इस घर मन मंदिर में,
तस्वीर सजी है,
आँखों के अन्दर में !!
*
आया दिन लोहड़ी दा,
त्यौहार मनावे
ये गुड़ तिल जोड़ी का !!
*
पक आई है फसले,
खेतों में अब तो,
दिल खोल के तू हँसले !!
*
हम आग जलावाँगें
नाचें गायेंगे
अब धूम मचावाँगें !!
डी के निवातिया