मैं कविता की हूंकारो से | Kavita
मैं कविता की हूंकारो से ( Main kavita ki hunkaro se ) मैं कविता की हूंकारो से, गगन उठाया करता हूं। सोया सिंह जंगल का राजा, शेर जगाया करता हूं। मात पिता गुरु की सेवा का, धर्म बताया करता हूं। अतिथि देवन हमारे, सम्मान जताया करता हूं। शब्दाक्षर से अल्फाजों में, … Continue reading मैं कविता की हूंकारो से | Kavita
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