Hindi Ghazal -मालिक का दरबार

मालिक का दरबार ( Malik Ka Darbar )   यह सारी दुनिया ही उस मालिक का दरबार हो जाए, अगर आदमी को आदमी से सच्चा प्यार हो जाए ।   जाति-मज़हब के नाम पर और लड़ाइयाँ ना होंगी, अगर इंसानियत ही सबसे बड़ा व्यापार हो जाए ।   हरेक कामगार को मयस्सर हो उनके हक़ की रोटी, अगर मालिक-मज़दूर … Continue reading Hindi Ghazal -मालिक का दरबार