मन का महफ़िल | Man ka Mehfil

मन का महफ़िल  ( Man ka mehfil )    महफिल के वे शब्द “तुम मेरे हो” आज भी याद आते हैं , गीतों के सरगम मन को छू जाते हैं रह-रह कर सताते हैं दिल की धड़कन बढ़ बढ़ जाते हैं वही सजावट बनावट नैनों में छपा चेहरा जिसके लिए मैं देता था पहरा बसती … Continue reading मन का महफ़िल | Man ka Mehfil