मानवता बना एक खिलौना | Manavta

मानवता बना एक खिलौना ( Manavta bana ek khilona )  खिलौनों से खेलते खेलते कब आदमी आदमी से खेलने लगा, गुड्डे गुड़ियों से खेलते खेलते ना जाने कब गुड्डा,गुड्डी का बलात्कार करने लगा, कितना आसानी से सबने गुड्डी को खिलौना बना दिया, पर हर गुड्डा बुरा नहीं ये किसी ने सोचा ही नहीं, कभी ये … Continue reading मानवता बना एक खिलौना | Manavta