मनमोहक कृष्णा | Manmohak Krishna
मनमोहक कृष्णा ( Manmohak Krishna ) मन को लुभा रही कान्हा तेरी चंचल चितवन। देखूं तुझको खो जाऊं सुंदर छवि में मनमोहन। तेरी बंसी की धुन सुनते ही रोम रोम हो मेरा तरंगित। तेरे दर्शन पा जाऊं तो तन मन हो जाए सुगंधित। मधुर मुस्कान तेरे होंठों की दिल चुरा ले जाए है छलिया। होंठों … Continue reading मनमोहक कृष्णा | Manmohak Krishna
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